वैकल्पिक उर्जा
टाउनशिपवाशियों को इलेक्ट्रिकल मेंटेनेंस की तरफ से गणतंत्र दिवश की हार्दिक बधाई।
आज गणतंत्र दिवस के रास्ट्रीय पर्व के अवसर पर जरुरत है भारत के विकाश में अति आवश्यक उर्जा संसाधनों की चर्चा की .
आज देश में करीब प्रति वर्ष 1, 50,000 मेगा वाट उर्जा पैदा किया जा रहा है जिसमे सबसे बड़ा योगदान प्रचलित संसाधन जैसे कोयला, तेल एवं गैस का है। वर्तमान आकड़ें को देखते हुए तय है कि प्रचलित उर्जा के संसाधन जैसे गैस, तेल,एवं कोयला दिन प्रतिदिन कम हो रहें है।
यदि हम एक नजर प्रतिशत योगदान पर डालें तो रिन्यूएबल उर्जा का उपयोग आज मात्र 5% है। रिन्यूएबल उर्जा की भागीदारी बढ़ाकर हम अपने पहले से तय- शूदा विकाश दर को जारी रख सकते है।
आज हमारे पास रिन्यूएबल उर्जा संसाधन के रूप में उपलब्ध है -सोलर उर्जा, पवन उर्जा, जल उर्जा, बयोगास व बायोमास आदि।
रिन्यूएबल उर्जा के संसाधन जैसे सूर्य, हवा, जल, बायोमास आदि एक तरफ तक़रीबन मुफ्त में उपलब्ध है तो दूसरी तरफ इनके समुचित एवं सुचारू उपयोग से वातावरण शत-प्रतिशत महफूज रह सकता है।
विद्युत् उत्पदान एक बिलकुल आवश्यक साधन है जो हमारे घरेलु तथा कल कारखानें के लिए अति उपयोगी है। कम वोल्टेज पर विद्युत् संचारण करने पर उर्जा का काफी क्षय होता है। जहाँ संभव हो सके, वोल्टेज को बढाकर संचारण किया जाए तो हम इस क्षय को करीब 10% तक कम कर सकते हैं।
प्रस्तुत झांकी में दर्शाया गया है कि कम से कम खर्च पर हम विद्युत् का उत्पादन कर ऊँचें वोल्टेज पर संचारण कर रहें है। साथ ही रिन्यूएबल उर्जा के साधनों को इस ग्रिड के साथ जोड़ रहे है।
रिन्यूएबल उर्जा जैसे सोलर, पवन तथा जल आदि से प्राप्त विद्युत् उत्पादन को chengovar
स्किम का उपयोग कर विद्युत् ग्रिड से जोड़ा जा सकता है। आज आवश्यक है रिन्यूएबल संशाधन को आम -उपयोगी बनाना ताकि घटते संशाधन से निजत पाया जा सके।
उर्जा बचाने की संस्कृति का करे विकाश।
उज्जवल होगा भविष्य और घर -घर होगा प्रकाश।
-जय हिन्द -
Helpful write-up. Cheers intended for committing some time to generate these kind of data by which effective! toko gold
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